गुलज़ार (असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा) का जन्म 18 अगस्त 1934 को पंजाब के दीना गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। ये एक भारतीय उर्दू कवि, गीतकार, लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं जो हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उन्हें इस युग के महानतम उर्दू कवियों में से एक माना जाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत संगीत निर्देशक एस.डी. के साथ की। बर्मन की 1963 की फ़िल्म बंदिनी में एक गीतकार के रूप में काम किया और आर.डी. बर्मन, सलिल चौधरी, विशाल भारद्वाज और ए.आर. रहमान सहित कई संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। गुलज़ार कविता, संवाद और स्क्रिप्ट भी लिखते थे। उन्होंने 1970 के दशक में आंधी और मौसम जैसी फिल्मों और 1980 के दशक में टीवी श्रृंखला मिर्जा गालिब का निर्देशन किया। उन्होंने 1993 में किरदार का निर्देशन भी किया।
इस पोस्ट में हमने गुलज़ार साहब की कुछ प्रसिद्ध शायरियां पेश की है । उम्मीद है आपको पसंद आएंगी।
Best 100 Plus Heart Touching गुलजार की शायरी
बहुत मुश्किल से करता हूं
तेरी यादों का कारोबार
मुनाफा कम है
लेकिन गुजारा हो ही जाता है।
तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन जिंदगी तो नही ।
कोई पूछ रहा है
मेरी जिंदगी की कीमत
मुझे याद आ रहा है
तेरा हल्का सा मुस्कुराना।
तुम जिंदगी की वह कमी हो जो जिंदगी भर रहेगी।
शुक्र है message का जमाना है
वरना तुम मेरे भेजे हुए
कबूतर भी मार देती।
मुझे गिरते हुए पत्तों ने यह समझाया है बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देते है।
मेरी फितरत में नहीं था तमाशा करना बहुत कुछ जानते थे मगर खामोश रहे।
जो चाहे वो करना
जिंदगी में लेकिन
एक गुजारिश है
किसी से अधूरा प्यार मत करना ।
एक बात पूछनी थी किसी को दिल से याद करो तो उसे पता चल जाता है क्या?👀
अपनी जिंदगी के सलीके
कुछ यूं मोड़ दो
जो तुम्हे नजरंदाज करे
उसे नजर आना छोड़ दो।😥
उन्हें लगा उनसे दूर होकर हम रोए नहीं उन्हें क्या खबर कितनी रातें हम सोए नही।🙁
जिस तरह मैंने
तुझे चाहा ना
कोई और चाहे तो
भूल जाना मुझे।🙁😟
मांगा था जिसे उसे ही हमने खो दियादेखकर उसकी पुरानी तस्वीर ये दिल फिर रो दिया।😢😢
किसी से अगर हद से ज्यादा उम्मीद लगाओगे तो एक दिन उसी उम्मीद के साथखुद टूट जाओगे।😔😔
अजीब दस्तूर है जमाने का
अच्छी यादें pendrive मे
और बुरी यादें दिल में रखते है।😐
किसने चलाया यह तोहफे लेने देने का रिवाजगरीब आदमी मिलने जुलने से भी डरता है।🙂
हालातों ने खो दी
इस चेहरे की मुस्कान
वरना जहा बैठते थे
रौनक ला दिया करते थे।😔😶
बस एक मेरी मोहब्बत ही न समझ पाए तुमबाकी मेरी हर गलती का हिसाब बराबर रखा तुमने।😏
सब्र करो जिसके
तुम काबिल हो
जिंदगी वो हर
चीज तुम्हे देगी।😌❤️
झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाना मगर हर दफा तुम्हे ही झुकना पड़ा तो रुक जाना ।😌
पहली मोहब्बत लोगों को
एक बात सिखा देती है
कि दूसरी अगर करो तो
हद में रहकर करना।🙂😌
किसी और को पाने के लिए अगर खुद को खोना पड़े तो फिर उस शख्स को खोने में ही भलाई है।🙂
Gulzar Ki Shayari In Hindi
नही रही शिकायत अब मुझे
तेरी नजरंदाजी से
तू बाकियों को खुश रख
हम तन्हा ही अच्छे है।😔
मत पूछ मुहब्बत में लापरवाही उसकी वो जख्म देकर मरहम लगाना भूल जाता है।😔
सब्र की एक
बात बहुत अच्छी है
जब आ जाता है तो
किसी की तलब नही रहती।🙂
कभी भी किसी के लिए खुली किताब मत बनना Timepass का दौर है शाहब पढकर फेक दिए जाओगे।🙂
मजे दोनो बराबर ले रहे है
कभी मैं जिंदगी के
कभी जिंदगी मेरे।
फुरसत में भी फुरसत न मिली उन्हें मुर्शद हम उनके लिए इतने फिजूल थे।😏
कुछ ऐसे हो गए है
इस दौर के रिश्ते
आवाज तुम ना दो तो
बोलते वह भी नही।👀
जिन्हे अपने प्यार की कद्र होती है वह उनके लिए वक्त निकाल ही लेते है।😌
Best Gulzar Shahab Ki Shayari
कभी फुरसत मिले तो
उनका हाल भी पूछ लिया करो
जिनके सीने में दिल की जगह
तुम धड़कते हो।💘
कुछ तो खोया है उसने मेरी तरहमैंने चाहत गंवाई तो उसने बेहद चाहने वाला।❤️😌
मैंने परखा है
अपनी बदकिस्मती को
मैं जिसे अपना कह दूं
वह फिर मेरा नही रहता।😶
बातें मैं बहुत करता हूंलेकिन बहुत कम लोगों से।🙂
थोड़ी चालाकियां मुझे
भी सीखा दे ए जिंदगी
इस दौर में मासूमियत
मुझे महंगी पड़ रही है।😔
एक अजीब सी बेचैनी है
तेरे बिन रह भी लेते है
और रहा भी नही जाता।😔
वक्त तो निकल जायेगा मसला तो यादों का है।😐
आप सामने हो
और हम हद में रहे
मोहब्बत में कोई इतना
भी शरीफ नही होता।😘
ये लोग जो बात बात पर रो देते हैं नाये कमजोर नहीं दिल के सच्चे होते है।❤️
कुछ अच्छे दोस्त
भी बना लेना
मोहब्बत हर वक्त
साथ नही देती।🙂😌
लोग कहते है कि लेडीज फर्स्टलेकिन मां आखिर में खाना क्यों खाती है।🤔
जब बीमारी
इश्क की लगती है
तो चुड़ैल भी
प्यारी लगती है।😅
अगर मोहब्बत जिस्म से होती तो तुमसे ही क्यों हजारों से होती।😌
एक रोज आओगे तुम
सारी फुरसत लेकर
एक रोज कहेंगे हम
तुम्हारी जरूरत नहीं।
तुम तो online आने पर भी Reply नही करते हम तो हिचकियां आने पर भी Data ऑन कर लेते है।😕
बात करे भी तो क्या करे
वो reply करने में ही
बहुत वक्त लगाते है।
बदलना कौन चाहता है लोग मजबूर कर देते है।
छोड़कर जाना सोची
समझी साजिश होगी
वरना तुम तो झगड़ा
भी कर सकते थे।
और फिर मैंने वहा भी सब्र किया जहा मुझे जवाब देना था।
सफाइयां देना तो बहुत दूर की बात हैमैंने तो अपने हक में बोलना ही छोड़ दिया।
तुम ही आकर थाम लो मुझे
औरों ने तो छोड़ दिया है
तुम्हारा समझ कर।
Gulzar Shayari On Love
छिपाए जाते है
कुछ राज मोहब्बत में
कोई तीसरा बीच में
अचानक नही आ जाता।
तुम्हारी एक कॉल के इंतजार में बरसो से नंबर नही बदला मैने।
मैं दिल का साफ हूं
उसे सूरत का चाहिए।
नाराजगी मुझसे कुछ ऐसे भी जताती है वो खफा जिस रोज हो काजल नही लगाती वो ।
तुम जिंदगी की वो कमी वो
जो जिंदगी भर रहेगी।
उसका वादा भी अजीब था कि जिंदगी भर साथ निभायेंगेमैने भी यह नहीं पूछा, मोहब्बत के साथ या यादों के साथ।
कितनी लंबी
खामोशी से गुजरा हूं
उनसे कितना कुछ
कहने की कोशिश की।😟
जरूरी थी कहानी मगर अधूरी रह गई इतनी यादों के बाद भी दूरी रह गई।😔😢
ना तो अनपढ़ रहे
ना काबिल हुए हम
खामोखा ए इश्क तेरे
स्कूल में दाखिल हुए हम ।
मैंने ताले से सीखा वफा निभाने का हुनर वो टूट गया मगर उसने चाभी नही बदली।
ईश्क उसी से करो
जिसमे खामियां बेशुमार हो
ये खूबियों से भरे चेहरे
इतराते बहुत है।
ना ये नजरें मिली ना उनका दीदार हुआ ना जाने किस इतफाक में हमको उनसे प्यार हुआ।
मोहब्बत के बाद
मोहब्बत मुमकिन है
लेकिन टूट कर चाहना
एक बार होता है।
सालों बाद मिले वो गले लगाकर रोने लगे जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे।
कैसे कह दूं बदले में
कुछ नही मिला
सबक कोई छोटी
चीज़ तो नही है।
Shayari By Gulzar
जो उम्र भर न मिल सके उसे उमर भर चाहना ही इश्क है।
जरूरी नहीं है
ख्वाब पूरा हो
सोचा तो उसे ही जाता है
जो अधूरा हो।
कैसे सीने से लगाऊं कि किसी और के हो मेरे होते तो बताता कि मोहब्बत क्या है।
खुशी जल्दी में थी रुकी नही
गम फुरसत में थे ठहर गए।
सारी दुनिया से मुलाकात एक तरफतेरे साथ बैठकर तुम्हे देखना एक तरफ।
उसे पता है कि
औलाद गलियां देंगी
इसीलिए बूढ़ा बाप
अब खासता भी नही।
मसला बहुत गहरा है,दिल मेरा है उसमे चेहरा तेरा है।
ईश्क है या दोस्ती पता नही
पर जो तुमसे है,
वो किसी और से नही ।
भीख की तरह मांगने पर भी जो न मिले उसे ही मोहब्बत कहते है।
तुम्हारी बेरुखी बदल
देगी एक दिन मुझे,
एक दिन तुम भी
मुझे बुरा कहोगे।
गुलजार की शायरी
जिनके करीब बहुत लोग होते है उनसे दूर रहना ही बेहतर है।
सब कुछ है तुम भी होते तो अच्छा होता ।
रिश्ता बनाया तो
निभायेंगे भी
रोज तुमसे लड़ेंगे भी
और मनाएंगे भी ।
सिर्फ घर वालों की बात नहीं है मैं खुद भी खुद से परेशान हूं आजकल।
देख लेना एक दिन
एहसास होगा तुम्हे
कि था कोई जो बिना
मतलब के चाहता था।
देर लगती है मगर समझ आ जाता है कौन कैसा है नजर आ जाता है।
सच्ची मोहब्बत तो कच्ची उम्र में होती है बाद में तो सब समझदार हो जाते है।
एक फकीर ने मेरे
जिस्म को छूकर बोला
अजीब लाश है
सांस भी लेती है।
मेरा खुद के सिवा कोई अच्छा दोस्त नहीं है मुझे मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता ।
हम अधूरे लोग है
हमारी ना नीद पूरी
ना ख्वाब पूरे।
ठहरेंगे कही तो खबर कर देंगे मौत से कह दो अभी सफर में है ।
वक्त के बदलने से
दिल कहा बदलते है
आप से मोहब्बत थी
आपसे मोहब्बत है।
वादा था मुकर गया नशा था उतर गया दिल था भर गया इंसान था बदल गया।
कुछ मोहब्बते सही शख्स से
गलत वक्त पर , गलत उम्र में
हो जाती है ।
वो है कि जाने को खड़े है दिल है कि बैठा जा रहा है।
तोड़ेंगे गुरुर इश्क का
और इस कदर सुधर जायेंगे
मोहब्बत खड़ी रहेगी
और हम सामने से गुजर जायेंगे।
हमने उसे छोड़ना ही मुनासिब समझा क्योंकि हम उसे बांट नही सकते थे।
दोस्ती भी जरूरी है
जिंदगी के इस सफर में
रात को साथ चाय पीने
महबूब नही जाते।
कमजोरी होती है कुछ लोगों की जहा गुस्सा आना चाहिए वहा आंसू आ जाते है।
दिल में बसी
लड़की का मुकाबला
कोई miss world
भी नही कर सकती ।
चुप रहने वाले लोग अक्सर अपने पसंदीदा लोगों के सामने ज्यादा बोलते है।
किसी को गुलाब देना ईश्क नही उसे गुलाब की तरह रखना इश्क है।
कभी कभी की मुलाकात अच्छी है कद्र खो देता है रोज का आना जाना ।
FAQ
1. गुलज़ार का असली नाम क्या है?
गुलज़ार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है।
2. गुलज़ार साहब का जन्म कब हुआ?
18 अगस्त 1934
3. गुलज़ार साहब का जन्म कहा हुआ?
पंजाब के दीना गांव में
4. गुलज़ार साहब की पत्नी का क्या नाम था?
राखी गुलज़ार।
5. गुलज़ार साहब को साहित्य अकादमी पुरुस्कार से कब सम्मानित किया गया?
2002 में ।
6. गुलज़ार साहब को पद्म भूषण से कब सम्मानित किया गया?
2004 में।
7. गुलज़ार ने अपना पहला गीत किसके लिए लिखा।
विमल राय की फिल्म बंदिनी के लिए।
8. गुलज़ार की अधिकतर रचनाए कौन सी भाषा में है?
हिंदी, उर्दू और पंजाबी में।