Rahat Indori Shayari In Hindi
मैं नूर बनके जमाने में फैल जाऊंगा
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना।
खड़े है मुझको खरीददार देखने के लिए
मैं घर से निकला था बाजार देखने के लिए।
अफवाह थी कि मेरी तबियत खराब है
लोगों ने पूछ पूछकर बीमार कर दिया।
शराब छोड़ दी तुमने कमाल है ठाकुर
मगर ये हाथ में क्या लाल लाल है ठाकुर।
है दुनिया छोड़ना मंजूर लेकिन
वतन को छोड़ के जाने का नही
जो आज शाहिबे मसनद है कल नही होंगे
किरायेदार है जाती मकान थोड़ी है।
अड़े थे ज़िद पर के सूरज बनाके छोड़ेंगे
पसीने छूट गए एक दीया बनाने में।
सफर में आखिरी पत्थर के बाद आएगा
मज़ा तो यार दिसम्बर के बाद आएगा।
रोज वही कोशिश जिंदा रहने की
मरने की भी कुछ तैयारी किया करो।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो लोग परदेश में है वो किससे रजाई मांगे।
Rahat Indori Best Shayari
तेरी परछाई मेरे घर से नही जाती है
तू कही हो मेरे अंदर से नही जाती है।
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके
दिल के बाजार में बैठे है खसारा (नुकसान) करके।
ऊंचे ऊंचे दरबारो से क्या लेना
नंगे भूखे बेचारो से क्या लेना
अपना मालिक तो खालिक अफजल है
आती जाती सरकारों से क्या लेना।
अंधेरे चारों तरफ साय साय करने लगे
चराग हाथ उठा कर दुआएं करने लगे
सलीका जिनको सिखाया था हमने चलने का
वो लोग आज हमें दाएं बाएं करने लगे।
चराग हाथ उठा कर दुआएं करने लगे
सलीका जिनको सिखाया था हमने चलने का
वो लोग आज हमें दाएं बाएं करने लगे।
किसने दस्तक दी ये दिल पर कौन है
आप तो अंदर है ये बाहर कौन है।
आप तो अंदर है ये बाहर कौन है।
बस एक शराब की बोतल दबोच रखी है
तुझे भुलाने की तरकीब सोच रखी है।
आते जाते है कई रंग मेरे चेहरे परलोग लेते है मज़ा जिक्र तुम्हारा करके।
मेरी सांसों में वो समाया भी बहुत लगता है और वही शख्स पराया भी बहुत लगता हैउसे मिलने की तम्मन्ना भी बहुत हैलेकिन आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।
मेरे सन्नाटो ने आबाद रखा है मुझको मैं तेरे शहर में आ जाऊं तो जंगल हो जाऊं।
मैंने कुछ पानी बचा रखा था अपनी आंख में
एक समंदर अपने सूखे ओंठ लेकर आ गया।
Rahat Indori Shayari
बनके एक हादसा बाजार में आ जायेगा
जो नही होगा वो अखबार में आ जायेगा
चोर उचक्को की करो कद्र कि मालूम
नही कौन कब कौन सी सरकार में आ जायेगा।
नए सफर का नया इंतजाम कह देंगे
हवा को धूप चिरागों को शाम कह देंगे
किसी से हाथ भी छुपकर मिलाइए
वरना इसे भी मौलवी शाहब हराम कह देंगे।
जबसे तूने हल्की हल्की बातें की
यार तबियत भारी भारी रहती है।
चांद ज्यादा रोशन है तो रहने दो
जुगनू भैया जी मत भारी किया करो।
उंगलियां यूं ना सब पर उठाया करो
खर्च करने से पहले कमाया करो
खर्च करने से पहले कमाया करो
साहब पी के जो मस्त है
उनसे तो कोई खौफ नहीं ।
पी के जो होश में है
उनको संभाला जाए।
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उसका
इरादा मैने किया था कि छोड़ दूंगा उसे।
इरादा मैने किया था कि छोड़ दूंगा उसे।
नशा वैसे तो बुरी चीज है
पर राहत से शायरी सुनना हो तो
थोड़ी सी पिला देना।
गुजर गया जो एक दिन गुजरने वाला था
वो बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था।
कभी अकेले में मिलकर झंझोड दूंगा उसे
जहा जहा से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे।
जहा जहा से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे।
हर एक एम्तिआह से गुजर थोड़ी जायेंगे
तुझसे नही मिलेंगे तो मर थोड़ी जायेंगे।
शहर में तो बारूदो का मौसम है
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।
फूलों की दुकानें खोलो
खुशबू का व्यापार करो
इश्क़ खता है
और ये खता सौ बार करो
मज़ा चखा के ही माना हूं मैं भी दुनिया को
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।